
ऐ लश्करों के रब ,अहद के सन्दूक..
ऐ लश्करों के रब ,अहद के सन्दूक -2
तू हजारों, हजारों में लौट के आ, लौट के आ -2
1. तुझसे घृणा रखने वाले,शर्मिंदा हों
तेरे सारे बैरी अब तो परागंदा हो
परागंदा हो -2
2. शैतान के सारे कैदी आजाद हों
उसकी सारी छिपी चालें बर्बाद हों
बर्बाद हों -2
3. सारे सांपों, बिच्छुओं को हम कुचलेंगे
दुश्मन की सारी चालों पर ग़ालिब पाएँगे
ग़ालिब पाएँगे -2
4. तेरी मदद से हम बहादुरी करेंगे
तू ही हमारे मुखालिफों को पामाल करेगा
पामाल करेगा -2