
कुछ भी हो मैं परस्तीस करूँगा...
कुछ भी हो मैं, परस्तीस करूँगा
कुछ भी हो मैं, इबादत करूँगा
यीशु यीशु गाऊंगा
तू मेरे छिपने की जगह अजीब है …
तू ही है मेरा खुदा … आ… यीशु आ…
1. अंजीर का दरख़्त नहीं फूला तो क्या
दाख में फल नहीं लगा तो क्या
हड्डियां वोसिदा है तो क्या
खुदावन्द में खुश रहूंगा…
तू मेरे छिपने की जगह अजीब है …
तू ही है मेरा खुदा … आ… यीशु आ…
2. यहोवा निस्सी है झंडा मेरा
रीढ़ की हड्डी, राहबर मेरा
सुबह का चमकता सितारा मेरा
उससे लिपटूंगा…
तू मेरे छिपने की जगह अजीब है …
तू ही है मेरा खुदा … आ… यीशु आ…
3. हिरनी से पाव मेरे देता बना
ऊची जगहों पर देता चला
यहोवा अल्लोहीम मेरा खुदा
उसको पूजूंगा…
तू मेरे छिपने की जगह अजीब है …
तू ही है मेरा खुदा … आ… यीशु आ…