मेहफिल मसीहा की..
मेहफिल मसीहा की, शान भी मसीहा की
ये मेहफिल सजाने आए हैं हम
मसीहा से मिलेंगे, मसीहा से कहेंगे
तेरे गीत गाने आए हैं हम
मेहफिल मसीहा की…
मसा की फ़रवानी की, उकाबों सी जवानी की
शिफ़ा की अफसानी की, हमें आरजू
मसा से भर जायेंगे, हवा में उड़ जायेंगे
तेरे रूह से भरने, आये हैं हम
मेहफ़िल मसीहा की…
मसीहा ही सहारा है, मसीहा जां से प्यारा है
गुनाहों का कफारा है जिन्दा खुदा
मीठी-मीठी ज़िन्दगी रूहों की ताजगी
नई जोत लेने आए हैं हम
मेहफिल मसीहा की…
नज़र है मसीहा पर, फक्र है मसीहा पर
ईमान मसीहा पर, मसीहा तू आ
है दुल्हन मुन्तज़र, नजर अफलाक पर
नगारे को सुनने आए है
मेहफिल मसीहा की…
